Tilak Raj

20 April 2024

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जनजाति कल्याण केंद्र महाकोशल बरगांव में आयोजित हुआ पुनर्जीवन प्रयास विधि (CPCR) का प्रशिक्षण कार्यक्रम

जनजाति कल्याण केंद्र महाकोशल बरगांव में आयोजित हुआ पुनर्जीवन प्रयास विधि (CPCR) का प्रशिक्षण कार्यक्रम

दिनांक 19.04.2024 को जनजाति कल्याण बरगांव में (C.P.C.R.) पुनर्जीवन प्रयास विधि का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम राजकुमार मटाले (माननीय अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की गरिमामय उपस्थिति में प्रसिद्ध चिकित्सक एवं सुविधा हॉस्पिटल जबलपुर के संचालक डॉ.बालकृष्ण डांग एवं उनकी टीम द्वारा दिया गया। डॉ.डांग ने बताया कि आज की तनाव भरी व्यस्त जिंदगी में व्यक्ति को स्वयं के बारे में सोचने का समय ही नहीं मिल पाता और ना ही हम अपने स्वास्थ्य के बारे में सोच पाते हैं इसी कारण आज हमारे देश में हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या 67% हो गई है। जब कभी किसी को दिल का दौरा पड़ता है (धड़कन रुक जाती है) तब तत्काल में हमें समझ नहीं आता है कि हमें क्या करना चाहिए। ऐसी स्थिति में हमें तुरंत अस्पताल लेकर जाते हैं या फिर डॉक्टर को लेने के लिए भागते हैं या एंबुलेंस को फोन लगाते हैं। तब यदि इस दौरान हमें C.P.C.R. (पुनर्जीवन प्रयास विधि) आती है तो हम उस समय इस विधि का उपयोग कर सकते हैं क्योंकि धड़कन रुकने के बाद हमारे पास लगभग 4 मिनट का समय ही होता है इतने कम समय में ना तो हमें डॉक्टर मिल पाते हैं और ना ही एंबुलेंस पहुंच सकती है तत्काल में जो कुछ करना है हमें ही करना होता है। ऐसी विकट स्थिति में C.P.C.R. (पुनर्जीवन प्रयास विधि) को प्रयोग कर हम मनुष्य की जान बचाने की कोशिश कर सकते हैं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ.अशोक खंडेलवाल कुलपति मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर, डॉ.हरिशंकर मरकाम, डॉ.देवेंद्र मरकाम, राघवेंद्र शर्मा प्रकल्प प्रमुख, रविकांत वनांचल कार्य प्रमुख, मनोहर लाल साहू अध्यक्ष जनजाति कल्याण केंद्र, सोनेलाल परस्ते अध्यक्ष गौशाला समिति, संदीप रजक आयुक्त नि:शक्तजन कल्याण, ज्ञानेंद्र सिंह, प्रशांत कटियार, सतीश चौबे, डॉ.विनोद बाजपेयी, डॉ.प्रदीप कुमार दुबे, विजय भारद्वाज, जामसिंह केन्द्र प्रबंधक, साथ ही अन्य क्षेत्रीय विशिष्टजन, स्थानीय ग्रामवासी एवं नर्मदांचल विद्यापीठ के छात्र उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन कार्यक्रम के संयोजक डॉ.सुनील कांत बाजपेयी द्वारा किया एवं आभार प्रोफेसर श्रीकृष्ण बिलैया द्वारा किया गया।

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