भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान के तारतम्य मे जनजाति कल्याण केंद्र ने आत्मनिर्भर किसान विषय पर एक कृषक संगोष्ठी का आयोजन अपने परिसर मे किया जिसमे 28 ग्रामों के 130 किसानों को आत्मनिर्भर बनने तथा उनकी आय बढ़ाकर ग्रामीण भारत के विकास मे सहयोग देने के लिए जैविक एवं गौ आधारित कृषि के विभिन्न आयामों पर मार्गदर्शन किया गया। ज्ञातव्य है कि कोरोना महामारी के समय मे भी जहां अन्य सेक्टर विकास नहीं कर रहे हैं वहीं कृषि क्षेत्र विकास कर रहा है। इस प्रकार भारत के सकल घरेलू उत्पाद मे अपना योगदान दे रहा है।
इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ सत्येंद्र कुमार, श्रीमती गीता सिंह, तकनीकी अधिकारी श्री मती रेणु पाठक, उप संचालक कृषि श्री पी डी सराठे तथा उपसंचालक पशु चिकित्सा श्री सज्जन सिंह चौहान की उपस्थिति रही जिन्होने किसानों के प्रश्नो के उत्तर देने के साथ साथ विभिन्न शासकीय योजनाओं जैसे प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना सहित कस्टम हायरिंग,टपक सिंचाई तथा सोलर पंप के बारे मे विस्तार से बताया। जैविक कृषि मे पशुपालन की भूमिका तथा गोवंश का नस्ल सुधार विषय पर विस्तृत परिचर्चा की गयी। इस अवसर पर संगोष्ठी के आयोजन मे महती भूमिका का निर्वहन करते हुए इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक श्री योगेश कुमार राजपूत ने केंचुआ खाद, जैविक कीट नाशकआदि आयामों की चर्चा कर कम लागत मे अधिक मुनाफा कमाने के लिए जैविक कृषि अपनाने के बारे मे बताया।
कार्यक्रम के उपरांत सभी किसान बंधु केंद्र के परिसर मे स्थित गौशाला, केंचुआ खाद इकाई, जैविक कृषि इकाई का भ्रमण कराया गया तथा जीवामृत बनाने की विधि का प्रदर्शन कर किसानों को प्रयोग के आधार पर समझाया गया।
Janjati Kalyan Kendra
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