वन्दे बोधमयं नित्यं गुरु , शंकर रूपिणम । यमाश्रितो हि वक्रोपि , चन्द्रः सर्वत्र वन्द्यते।। भारतीय संस्कृति एक वृक्ष के समान है , जिसका दृश्य रूप हमे फूल, पत्ती, फल […]